Essay on computer in hindi | कंप्यूटर पर निबंध
कंप्यूटर : आधुनिक यंत्र
"प्रगति के दौर में कंप्यूटर एक सशक्त माध्यम के रूप में उभरा है। कंप्यूटर का आविष्कार मानव- बुद्धि की कुशाग्रता का परिणाम है। जाहिर है कि इसकी कार्यकुशलता हमारे हाथों में ही है।" (सत्यजीत मजूमदार)
प्रस्तावना - कई वर्षों से हमारे देश में कंप्यूटर की चर्चा जोर शोर से हो रही है। देश को कंप्यूटरमय करने के प्रयास किए जा रहे हैं। कई उद्योग धंधों और संस्थानों में कंप्यूटर का प्रयोग होने लगा है। कंप्यूटरों की उपर्युक्त आयात के लिए देश के द्वार खोल दिए गए हैं। हमारे अधिकारी और मंत्रीगढ़ सुपर कंप्यूटरों के लिए अमेरिका से जापान तक दौड़ लगा रहे हैं। सरकारी प्रतिष्ठानों में तो आधुनिकतम कंप्यूटर लगाने की भारी होड़ लगी है।
कंप्यूटर क्या है - हमारे सामाजिक राजनैतिक और आर्थिक जीवन पर छा जानेवाला कंप्यूटर आखिर क्या है? इस विषय में जिज्ञासा उत्पन्न होना स्वभाविक है। वस्तुतः कंप्यूटर ऐसे आंतरिक मस्तिष्को का समन्वयात्मक एवं गुणात्मक योग है। जो तीव्र गति से तथा न्यूनतम समय में त्रुटि हीन गणना कर सकता है।
मानव सदैव ही अपनी गणितीय गणनाओ के लिए गणना यंत्रों का प्रयोग करता रहा है। इस कार्य के लिए प्रयोग की जाने वाली प्राचीन मशीन में अबेकस(Abacus) पहला साधन था। वर्तमान समय में तो अनेक प्रकार के जटिल गणना यंत्र बना लिए गए हैं। जो जटिल से जटिल गणनाओं के परिकलन स्वतः ही कर लेते हैं। इन सब में सर्वाधिक तीव्र शुद्ध एवं उपयोगी गणना करने वाला यंत्र कंप्यूटर ही है।
चार्ल्स बेबेज (Charles Babbage) पहले व्यक्ति थे। जिन्होंने 19वीं शताब्दी के आरंभ में पहला कंप्यूटर बनाया। यह कंप्यूटर लंबी - लंबी गणनाए कर उसके परिणामों को मुद्रित कर देता है।
कंप्यूटर स्वयं ही गणनाए करके जटिल से जटिल समस्याओं के हल मिनटों में निकाल सकता है। जिन समस्या का हल करने के लिए मनुष्य को कई दिन यहां तक कि कई महीने लग सकते हैं। कंप्यूटर से की जाने वाली गणनाओ के लिए एक विशेष भाषा में निर्देश तैयार किए जाते हैं। इन निर्देशों और सूचनाओं को कंप्यूटर का "प्रोग्राम"" कहा जाता है। यदि कंप्यूटर से प्राप्त होने वाले परीणाम अशुद्ध है। तो इसका तात्पर्य है। कि उसके प्रोग्राम में कहीं न कहीं त्रुटि रह गई है। इसमें यंत्र का कोई दोष नहीं है।
कंप्यूटर का केंद्र मस्तिष्क अपने सारे काम संकेतों पर आधारित गणितीय भाषा में ही करता है। अक्षर या शब्दों को भी संकेतों पर आधारित इस मशीनी भाषा में बदला जा सकता है। इसी तरह अब शब्दों या पाठो को यहां तक की पूरी पुस्तकों और फाइलों को भी कंप्यूटर में सुरक्षित रखा जा सकता है।
कंप्यूटर और उसके उपयोग - आज जीवन के कितने ही क्षेत्र में कंप्यूटर के व्यापक प्रयोग हो रहे हैं। बड़े-बड़े व्यवसाय तकनीकी संस्थान और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान कंप्यूटर के यंत्र मस्तिष्क का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। अब तो कंप्यूटर केवल कार्यक्रमों के वातानुकूलित कक्षों तक ही सीमित नहीं रह गए हैं। बल्कि वह हजारों किलोमीटर दूर रखे हुए दूसरे कंप्यूटर के साथ बातचीत कर सकते हैं। उससे सूचनाएं प्राप्त कर सकते हैं। और उसे सूचनाएं भेज भी सकते हैं।
कंप्यूटर का प्रयोग किन-किन क्षेत्रों में हो रहा है।-
- बैंकिंग के क्षेत्र में - भारतीय बैंकों में खातों के संचालन और हिसाब - किताब रखने के लिए कंप्यूटर का प्रयोग किया जाने लगा है। कई राष्ट्रीयकृत बैंकों के चुंबकिय संख्याओं वाली नई चेकबुक(check book) जारी की है। यूरोप में कई देशों सहित अपने देश में भी ऐसी व्यवस्था अस्तित्व में आ गई है। कि घर के निजी कंप्यूटर को बैंकों के कंप्यूटरों के साथ जोड़कर घर बैठे ही लेनदेन का व्यापार किया जा सकता है।
- प्रकाशन के क्षेत्र में - समाचार पत्रों पुस्तकों के प्रकाशन के क्षेत्र में कंप्यूटर विशेष योग दे रहे है। अब तो कंप्यूटर टंकीत होने वाली सामग्री को कंप्यूटर के स्क्रीन पर देखकर उसमें संशोधन भी किया जा सकता है। कंप्यूटर में संचित होने के लिए संपूर्ण सामग्री एक छोटी चुंबकीय डिक्स पर अंकित हो जाती है। इससे कभी भी टंकीत सामग्री को प्रिंटर की सहायता से मुद्रित किया जा सकता है। उस दिन की कल्पना सरलता से की जा सकती है। जब समाचार पत्रों के संपादकीय विभाग में एक ओर कंप्यूटर में मैटर भरे जाएंगे तो दूसरी ओर इलेक्ट्रॉनिक प्रिंटर तेज रफ्तार से मुद्रित सामग्री को तैयार कर देंगे।
- सूचना और समाचार प्रेषण के क्षेत्र में - दूरसंचार की दृष्टि से कंप्यूटर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अब तो कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से देश के प्रमुख नगरों को एक दूसरे से जोड़ने की व्यवस्था भी की जा रही है।
- डिजाइनिंग के क्षेत्र में - प्रायः यह समझा जाता है। कि कंप्यूटर सिर्फ अंकों और अक्षरों को ही प्रकट कर सकते हैं। वस्तुतः आधुनिक कंप्यूटर के माध्यम से भवनों मोटर गाड़ियों एवं हवाई जहाज आदि के डिजाइन तैयार करने के लिए भी कंप्यूटर ग्राफिक में व्यापक प्रयोग हो रहे हैं। तथा अपनी डिजाइन कंप्यूटर की स्क्रीन पर तैयार करते हैं और संलग्न प्रिंटर से इसके प्रिंट भी तुरंत प्राप्त कर लेते हैं।
- कला के क्षेत्र में - कंप्यूटर अब कलाकार अथवा चित्रकार की भूमिका निभा रहे हैं। अब कलाकार को न तो कैनवास की आवश्यकता है। न रंग और कुचियों की। कंप्यूटर के सामने बैठा हुआ कलाकार अपने नियोजित प्रोग्राम के अनुसार स्क्रीन पर चित्र निर्मित करता है। और यह चित्र प्रिंट की कुंजी दबाते ही प्रिंटर द्वारा कागज पर अपने वास्तविक रंगों के साथ छाप दिया जाता है।
- वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में - कंप्यूटर के माध्यम से वैज्ञानिक अनुसंधान का स्वरूप ही बदलता जा रहा है। अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में तो कंप्यूटर में क्रांति ही उत्पन्न कर दी है। इसके माध्यम से अंतरिक्ष में व्यापक चित्र उतारे जा रहे हैं। और इन चित्रों का विश्लेषण कंप्यूटर के माध्यम से हो रहा है। आधुनिक वेधशालाओं के लिए कंप्यूटर सर्वाधिक आवश्यक हो गए है।
- औद्योगिक क्षेत्र में - बड़े-बड़े कारखाने में मशीनों के संचालन का कार्य कंप्यूटर संभाल रहे हैं। कंप्यूटर से जुड़कर रोबोट जैसे मशीनों का निर्माण किया जा रहा हैं। जिस का संचालन मानव के लिए अत्यधिक कठिन था। भयंकर शीत और जला देने वाली गर्मी का भी उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
- युद्ध के क्षेत्र में - वस्तुतः कंप्यूटर का आविष्कार युद्ध के एक साधन के रूप में ही हुआ था। अमेरिका में जो पहला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर बना था। उसका उपयोग अणुबम से संबंधित गणनाओं के लिए ही हुआ था। जर्मन सेना के गुप्त संदेशों को जानने के लिए अंग्रेजों ने किलोसम नामक कंप्यूटर का प्रयोग किया था। आज भी नवीन तकनीकों पर आधारित शक्तिशाली कंप्यूटर का विकास किया जा रहा है।
- कंप्यूटर और मानव मस्तिष्क - यह प्रश्न भी बहुत स्वाभाविक है।कि क्या कंप्यूटर और मानव मस्तिष्क की तुलना की जा सकती है। और इसमें कौन श्रेष्ठ है। क्योंकि कंप्यूटर के मस्तिष्क का निर्माण भी मानव बुद्धि के आधार पर ही संभव हुआ है। यह बात नितांत सत्य है। कि मानव मस्तिष्क की अपेक्षा कंप्यूटर समस्याओं को बहुत कम समय में हल कर सकता है। किंतु वह मानवीय संवेदनाओ अभिरुचियो भावनाओं और चित्त से हरित मात्र एक यंत्र पुरुष है। कंप्यूटर केवल वही काम कर सकता है। जिसके लिए उसे निर्देशित (Programmed)किया गया हो। वह कोई निर्णय स्वयं नहीं ले सकता और ना ही कोई नवीन बात सोच सकता है।
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